बुनियादी ढांचा उद्योगों की वृद्धि दर सितंबर में धीमी, राजकोषीय घाटा 39% बढ़कर 7 लाख करोड़

बुनियादी ढांचा उद्योगों की वृद्धि दर सितंबर में धीमी, राजकोषीय घाटा 39% बढ़कर 7 लाख करोड़

मुख्य बिंदु:

  • देश के आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों की वृद्धि दर सितंबर, 2023 में धीमी होकर 8.1 फीसदी पर आ गई।
  • यह मई, 2023 के बाद इसका चार माह का निचला स्तर है।
  • सितंबर में कच्चे तेल का उत्पादन 0.4 फीसदी घट गया।
  • कोयला उत्पादन की वृद्धि दर बढ़कर 16.1 फीसदी पहुंच गई।
  • प्राकृतिक गैस में 6.5 फीसदी व इस्पात में 9.6 फीसदी तेजी रही।
  • केंद्र का राजकोषीय घाटा पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में लक्ष्य का 39.3 फीसदी बढ़कर 7.02 लाख करोड़ रुपये रहा है।
  • सरकार ने राजकोषीय घाटे को चालू वित्त वर्ष में 5.9 फीसदी पर लाने का लक्ष्य रखा है।

विश्लेषण:

बुनियादी ढांचा उद्योगों की वृद्धि दर में सितंबर में गिरावट आने से आर्थिक विकास को झटका लग सकता है। कच्चे तेल के उत्पादन में गिरावट से देश की ऊर्जा सुरक्षा पर असर पड़ सकता है। कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी से बिजली की आपूर्ति में सुधार होगा। प्राकृतिक गैस और इस्पात उत्पादन में वृद्धि से औद्योगिक उत्पादन में तेजी आएगी।

केंद्र के राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी से सरकार की वित्तीय स्थिति पर दबाव बढ़ेगा। सरकार को राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए उपाय करने होंगे।

राय:

बुनियादी ढांचा उद्योगों की वृद्धि दर में गिरावट आने से आर्थिक विकास को धीमा करने का खतरा है। सरकार को इस पर ध्यान देने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उपाय करने होंगे। केंद्र के राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी से सरकार की वित्तीय स्थिति पर दबाव बढ़ेगा। सरकार को राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए कदम उठाने होंगे।